टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का इलाज और घरेलू उपाय

टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का इलाज- टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का इलाज इस पोस्ट में बताने जा रहे है यह पोस्ट अंत तक पड़ने दे आपको Typhoid को जड़ से खत्म करने का इलाज पता चल जाएगा।

Typhoid क्या है?

टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का इलाज– आमतौर पर प्रदूषित पानी पीना और संक्रमित और बासी भोजन का सेवन टाइफाइड होने का मुख्य कारण है। टाइफाइड एक संक्रामक रोग है।

इसी वजह से अगर घर के एक सदस्य को टाइफाइड है तो घर के अन्य सदस्यों को भी इसके होने का खतरा रहता है। मौसम में बदलाव और कुछ बुरी आदतों के कारण इस बुखार का वायरस काफी परेशान करता है।

टाइफाइड एक तेज बुखार की बीमारी है जो साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के कारण होती है। यह जीवाणु मनुष्य द्वारा भोजन या पानी के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाया जाता है।

टाइफाइड तीनों दोष
  • वात
  • पित्त
  • कफ

टायफाइड होने के लक्षण 

टाइफाइड के बुखार के लक्षणों में हल्के से लेकर गंभीर बुखार देखे जाते हैं और प्राय: जीवाणु के संपर्क मे आने के एक से तीन हफ्तों बाद प्रकट होते हैं। लक्षणों में शामिल हैं बुखार, सिरदर्द, मिचली, कब्ज या दस्त, भूख की कमी, और शरीर पर गुलाबी रंग के चकत्ते।  

  • बुखार टाइफाइड का मुख्य लक्षण है।
  • जैसे संक्रमण बढ़ता है, वैसे-वैसे भूख भी बढ़ती है।
  • टाइफाइड से पीड़ित व्यक्ति को सिरदर्द होता है।
  • टाइफाइड के लक्षण के रूप में शरीर में दर्द होता है।
  • ठंड का अहसास
  • सुस्ती और आलस्य की भावना।
  • टाइफाइड में कमजोरी महसूस होना।
  • डायरिया टाइफाइड के लक्षण के रूप में होता है।
  • आमतौर पर टाइफाइड से पीड़ित व्यक्ति को 102-104 डिग्री से ऊपर बुखार होता है।
  • बड़े बच्चों में कब्ज और बच्चों में दस्त भी हो सकते हैं।

बार बार टाइफाइड होने के कारण

बार बार टाइफाइड होने के कारण– टाइफाइड को दूषित पानी या भोजन को जीतने वाले बैक्टीरिया को पीने या खाने से अनुबंधित किया जाता है। तीव्र बीमारी वाले लोग मल के माध्यम से आसपास के पानी की आपूर्ति को संभावित रूप से दूषित कर सकते हैं, क्योंकि इसमें बैक्टीरिया की उच्च एकाग्रता होती है। बैक्टीरिया पानी या सूखे सीवेज में हफ्तों तक जीवित रह सकते हैं।

टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का इलाज

टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का इलाज– लौंग भी टाइफाइड की समस्या से निजात दिलाने में काफी कारगर साबित हो सकता है।

इसके लिए आठ कप पानी में 6-7 लौंग डालकर उबाल लें। जब पानी आधा हो जाए तो इसका सेवन दिनभर करे। इससे टाइफाइड के कारण आई कमजोरी से भी छुटकारा मिलेगा।

इससे राहत पाने के लिए ज्यादातर लोग सबसे पहले घरेलु नुस्खे अपनाते है। आइये जानते है इन नुस्खों के बारे में…

लहसुन के प्रयोग

लहसुन एंटी-बायोटिक, एंटीऑक्सीडेंट होने के साथ-साथ गर्म भी होता है। इसके लिए 6-7 लहसुन की कलियों को घी में भून लें। इसमें सेंधा नमक मिलाकर सेवन करें।

शहद के प्रयोग

शहद में एंटीवायरल, एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर इसका सेवन करें। इससे आपको राहत मिलेगी।

लौंग के प्रयोग

लौंग भी Typhoid की समस्या से निजात दिलाने में काफी कारगर साबित हो सकता है। इसके लिए आठ कप पानी में 6-7 लौंग डालकर उबाल लें। जब पानी आधा हो जाए तो इसका सेवन दिनभर करे। इससे टाइफाइड के कारण आई कमजोरी से भी छुटकारा मिलेगा। 

तुलसी के प्रयोग

तुलसी और सूरजमुखी का रस पीने से आपको लाभ मिलेगा। इसके अलावा एक पैन में पानी और कुछ तुलसी के पत्ते डालकर उबाल लें। ऐसे ही दिन में 3-4 बार पिएं।

सेब के रस का प्रयोग

सेब के जूस से टाइफाइड की समस्या से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके लिए सेब के रस में अदरक का रस मिलाकर पीएं। इससे आपको टाइफाइड बुखार से राहत मिलेगी।

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टाइफाइड इंजेक्शन नाम

बुधवार को डब्लूएचओ ने ‘Tybar TCV’ नाम की दवाई को टाइफाइड के नए टीके के रूप में मंजूरी दे दी, जिसके बाद अब ये जल्द ही दुनियाभर में उपलब्ध होगी। इस टीके के कारण अब लाखों लोगों को टाइफाइड होने से बचाया जा सकेगा, खासकर छोटे बच्चों को।

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टाइफाइड कितने दिन तक रहता है?

अगर समय पर इसका इलाज किया जाए तो इसके लक्षण ३ से ५ दिन में ठीक किये जा सकते हैं, हालांकि, यह आमतौर पर कुछ हफ्तों के दौरान खराब हो सकता है।

कुछ मामलों में टाइफाइड बुखार के विकास की जटिलता एक महत्वपूर्ण जोखिम है। कई लोगों को सीने में जमाव और पेट में दर्द का भी अनुभव होता है। बुखार स्थिर हो जाता है।

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टाइफाइड में सिर दर्द का इलाज

इसे सुनेंमच्छरदानी का प्रयोग सोने के लिए करें। तेज सिरदर्द, चक्कर आने, लगातार कंपकपी बनी रहने, हाथ पैरों में दर्द, घबराहट, ब्लडप्रेशर में कमी आने पर तुरंत चिकित्सक को दिखाएं और उपचार कराएं। वैद्य ओमप्रकाश दाधीच ने बताया कि स्वस्थ आदमी को भी प्रतिदिन अनार, पपीता, गिलोय ग्वारपाटा प्रयोग अवश्य करते रहना चाहिए।

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टाइफाइड बुखार की दवा पतंजलि

टाइफाइड के लिए काढ़ास्वामी रामदेव ने बताया कि यह घरेलू नुस्ख़ा सदियों से चला आ रहा हैं। इसके लिए खूबकला के 2-3 ग्राम बीज या पाउडर, 5-7 मुनक्का और 3-5 अंजीर 400 ग्राम पानी में डालकर गर्म करें। जब पानी 100 ग्राम बचें तो इसे ठीक तरह से मैश करके पानी छान लें।

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टाइफाइड का अंग्रेजी दवा बताइए

टायफाइड बुखार का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं के साथ किया जाता है जो बैक्टीरिया को मारती हैं। उचित एंटीबायोटिक थेरेपी के साथ, आमतौर पर एक से दो दिनों के भीतर सुधार शुरु हो जाता है और 7 से 10 दिनों के भीतर ठीक होती है ।

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टाइफाइड का आयुर्वेदिक इलाज

400 ग्राम पानी में 2 से 3 ग्राम खुबकला, 5 किशमिश और 4 या 5 अंजीर डालकर गर्म करें। गर्म करने के बाद जब 100 ग्राम पानी रह जाए तो उसे इसी तरह मसल कर छान लें और एक साफ बर्तन में रख लें। अब इसे किसी बोतल में भर कर रख लें और सुबह-शाम पीएं। कुछ ही दिनों में आपको असर दिखना शुरू हो जाएगा।

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कैसे काम करेगा टाइफाइड का आयुर्वेदिक इलाज?

  • खुबकला– इसमें विटामिन, मिनरल, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट तत्व मौजूद होते हैं। जिससे शरीर का तापमान सामान्य बना रहता है।
  • किशमिश– इसमें पोटैशियम, आयरन, विटामिन ए, विटामिन डी और डायटरी फाइबर के गुण पाए जाते हैं, जो शरीर की कमजोरी को दूर कर टाइफाइड बुखार से निजात दिलाते हैं।
  • अंजीर– इसमें जिंक, कॉपर, मैंगनीज, पोटेशियम, मैग्नीशियम, आयरन और कैल्शियम प्रोटीन फाइबर के एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं।

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टाइफाइड के टोटके

बच्‍चों में टायफाइड के घरेलू नुस्‍खेदस्‍त लगने और भूख कम लगने के कारण ऐसा हो सकता है। बच्‍चे को खूब पानी, ताजे फलों का रस, गन्‍ने का जूस, नारियल पानी और ओआरएस पिलाएं।

तुलसी : आयुर्वेद के अनुसार तुलसी में एंटीबायोटिक गूण होते हैं जो कई बीमारियों को ठीक करने की शक्‍ति रखते हैं। टायफाइड होने पर तुलसी का काढ़ा पिलाएं।

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