पोस्ता दाना खाने के फायदे और नुकसान

आपको बता दे की पोस्त का पौधा एक बहुत ही महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है। इसके उत्पाद जैसे अफीम और कोडीन महत्वपूर्ण दवाएं हैं जिनका उपयोग दर्द कम करने और कृत्रिम निद्रावस्था के लिए किया जाता है। चलो आपको पोस्त के बारे में पूरी जानकारी देते है।

What is Poppy
POSTA

पोस्त

पोस्त या खसखस एक फूल वाला पौधा है जो पोस्ता परिवार से संबंधित है। पोस्ता को भूमध्यसागरीय क्षेत्र के लिए स्वदेशी माना जाता है। यहीं से इसका प्रचार हर जगह हुआ। इसकी खेती मुख्य रूप से भारत, चीन, एशिया माइनर, तुर्की आदि देशों में की जाती है।

भारत में अफीम की फसल उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में बोई जाती है। अफीम की खेती और व्यवसाय करने के लिए सरकार के आबकारी विभाग से अनुमति लेना आवश्यक है। अफीम के पौधे से अहीफेन यानि अफीम निकलती है, जो नशीला होता है।

नोट : आपको बता दे की “पोस्त” पश्तो भाषा का एक शब्द है।

पैर दर्द की बेस्ट दवाई कौनसी है?

पोस्त का पौधा

पोस्त का पौधा लगभग 60 सेमी ऊँचा होता है। फूल सफेद, लाल, बैंगनी और पीले होते हैं, इस प्रकार विभिन्न रंगों के होते हैं।

पोस्त के पौधे का फूल

पोस्त के फूल लाल या बहुत हल्के बैंगनी, या सफेद रंग के होते हैं। डोडा नामक फल चिकना और अंडाकार होता है। पोस्त की अन्य प्रजातियां, जिन्हें फूलों के लिए लगाया जाता है, शर्ली पॉपपीज़ कहलाती हैं। 

अफीम मुख्य रूप से अफीम के लिए बोई जाती है। कच्चे गोले पर धारदार चाकू से धारियाँ बनाने पर एक प्रकार का दूध प्राप्त होता है जो सूखने पर खुरच कर गाढ़ा हो जाता है।

यह अफीम है। सूखे पोस्त के छिलके को डोडा कहते हैं, जिसे पानी में भिगोकर बचा हुआ अफीम का अर्क घोलकर निकाल लिया जाता है।  इसमें से मॉर्फिन और कोडीन निकाला जाता है, जिसका इस्तेमाल दवाओं में किया जाता है। अ

फीम में आम तौर पर 8 से 13 प्रतिशत मॉर्फिन होता है, जितना कि 22.8 प्रतिशत। एक एकड़ जमीन से करीब 25 सेर अफीम निकलती है।  

गांजा क्या होता है गांजा के फायदे और नुकसान

खसखस – पोस्त का बीज

कई देशों में इसके बीजों के लिए अफीम की खेती की जाती है, जिसे खसखस या खसखस कहा जाता है। बीज सफेद या काले रंग के होते हैं। इनमें तेल की मात्रा 40 से 60 प्रतिशत के बीच होती है। खाने में तेल का इस्तेमाल होता है।

इसके बीज मिठाई, ठंडाई आदि बनाने में उपयोगी होते हैं। खसखस में कोई नशा नहीं होता है। इसे औषधीय भी माना जाता है और खसखस अपने पौष्टिक गुणों के कारण लोकप्रिय है।

गढ़वाल जिले में अफीम की हरी पत्तियों से भी सब्जियां बनाई जाती हैं। खसखस के अंदर छोटे-छोटे बीज होते हैं जिन्हें खसखस के नाम से जाना जाता है। इन बीजों का उपयोग मसालों, मिठाइयों में किया जाता है। इसमें अफीम की तरह नशा नहीं होता है।  

एफएम व्हाट्सएप कैसे डाउनलोड करें?

अंतिम शब्द

आपको इस आर्टिकल में हमने पोस्त के बारे में काफी जानकारी दी है। इसके आलावा आपको पोस्त के पौधे और पोस्ट के बीजो के बारे में भी बताया है। यह आप पर निर्भर करता है की आप पोस्त का उपयोग औसधि के रूप में करते है या नशे के रूप में।

आपको हमारा पोस्त ओहो सॉरी सॉरी मेरा मतलब पोस्ट पसंद आया तो अपने मित्रगणों को जरूर शेयर करे। हमारा आर्टिकल पड़ने के लिए धन्यवाद। आपको दिन शुभ हो।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *