पीलिया को जड़ से खत्म करने में मदद करेंगे ये घरेलू उपाय

नमस्कार दोस्तों, इस आर्टिकल में हम पीलिया के बारे में बात करेंगे और पीलिया की दवाई और घरेलू उपचार के बारें में भी बताएंगे और इसके अलावा पीलिया का कारण और लक्षण के बारे में भी बात करेंगे तो आओ शुरू करते है।

Piliya ki dawa
Piliya ki dawa

पीलिया क्या है ?

पीलिया दूषित पानी और खाना खाने से होता है। यह लीवर की बीमारी है। इसमें रोगी की त्वचा, आंख, नाखून, पेशाब का रंग पीला हो जाता है। लीवर कमजोर हो जाता है और ठीक से काम करना बंद कर देता है।

भूख धीरे-धीरे कम हो जाती है। समय पर इलाज न मिलने पर मरीज की जान भी जा सकती है। पीलिया या पीलिया का कारण बिलीरुबिन नामक पदार्थ है, जो शरीर के ऊतकों और रक्त में बनता है।

पीलिया आमतौर पर नवजात शिशुओं में होता है। अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए तो यह मस्तिष्क को भी प्रभावित कर सकता है।

पीलिया के कारण

  • रोगी को बुखार है।
  • भूख में कमी
  • चिकना भोजन के लिए अरुचि।
  • मतली और कभी-कभी उल्टी।
  • सिरदर्द।
  • सिर के दाहिने हिस्से में दर्द।
  • आंखों और नाखूनों का पीला रंग।
  • पीला मूत्र
  • अत्यधिक कमजोरी और थकान महसूस होना

पीलिया के लक्षण

पीलिया के सामान्य लक्षण बुखार, कमजोरी, भूख न लगना, वजन घटना, उल्टी, पेट दर्द, कब्ज, सिरदर्द, शरीर में जलन, खुजली है। कोई भी लक्षण पाए जाने पर डॉक्टर को दिखाना चाहिए। शुरुआती दौर में दवा के साथ-साथ कुछ घरेलू नुस्खे भी आजमाए जा सकते हैं।

  • त्वचा, नाखून और आंख का सफेद हिस्सा तेजी से पीला हो जाता है।
  • फ्लू जैसे लक्षण दिखना- इसमें जी मिचलाना, पेट दर्द, भूख न लगना और खाना खाने जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं।
  • जिगर की बीमारियों की तरह – इसमें जी मिचलाना, पेट दर्द, भूख न लगना और खाना खाने जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं।
  • वजन घटना
  • गाढ़ा/पीला मूत्र
  • लगातार थकान महसूस करना
  • भूख की कमी
  • पेटदर्द
  • बुखार बना रहता है
  • हाथों में खुजली

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पीलिया कितने प्रकार का होता है?

जिन वाइरस से यह होता है उसके आधार पर मुख्‍यतः पीलिया तीन प्रकार का होता है वायरल हैपेटाइटिस ए, वायरल हैपेटाइटिस बी तथा वायरल हैपेटाइटिस नान ए व नान बी।

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पीलिया कितने पॉइंट होना चाहिए?

रक्तरस में पित्तरंजक (Billrubin) नामक एक रंग होता है, जिसके आधिक्य से त्वचा और श्लेष्मिक कला में पीला रंग आ जाता है। इस दशा को कामला या पीलिया (Jaundice) कहते हैं। सामान्यत: रक्तरस में पित्तरंजक का स्तर 1.0 प्रतिशत या इससे कम होता है, किंतु जब इसकी मात्रा 2.5 प्रतिशत से ऊपर हो जाती है तब कामला के लक्षण प्रकट होते हैं।

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पीलिया की दवा और घरेलू उपचार

  • रोगी को शीघ्र ही चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।
  • आपको बिस्तर पर आराम करना चाहिए, घूमना चाहिए, हिलना नहीं चाहिए।
  • लगातार चेकिंग होनी चाहिए।
  • डॉक्टर की सलाह के अनुसार प्रोटीन और कार्ब्स युक्त भोजन का सेवन करना चाहिए।
  • नींबू, संतरा और अन्य फलों का रस भी इस रोग में लाभकारी होता है।
  • इसमें भरपूर वसायुक्त भोजन का सेवन हानिकारक होता है।
  • चावल, दलिया, खिचड़ी, थुली, उबले आलू, शकरकंद, चीनी, ग्लूकोज, गुड़, चीकू, पपीता, छाछ, मूली आदि कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ हैं।

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पीलिया की अंग्रेजी दवा

उपचार के लिए एक गिलास गन्ने के रस में नींबू का रस मिलाकर रोजाना दो बार पीएं। इसके अलावा पीलिया होने पर एक गिलास टमाटर के रस में एक चुटकी नमक और काली मिर्च मिलाकर सुबह खाली पेट पीएं।

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पीलिया का इलाज पतंजलि

  • खाली पेट अरंडी का पत्तों का रस 25 एमएल पिएं। …
  • सोनाक की छाल, भूमि आंवला, पूर्नवा तीनों मे जो मिल जाए उससे रस निकाल कर पी लें। …
  • सर्वकल्प क्वाथ, सोनाल की छाल का काढ़ा सुबह-सुबह पी सकते हैं।
  • अनार, पीपता, अंजीर, मुनक्का खाएं।
  • तली-भुनी चीजों का सेवन न करें।

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पीलिया की एलोपैथिक दवा

होम्योपैथी : पीलिया का बेहतर इलाज संभव है। रोग के दौरान शरीर में होने वाले बदलावों के आधार पर दवाएं दी जाती हैं। इसमें जैलीडोनियम, फॉसफोरस के अलावा पेट और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए दवा देते हैं।

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पीलिया का घरेलू उपचार

  1. साबुत धनियां रात को पानी में भिगो दें और सुबह इस पानी को पी लें। दो सप्ताह तक इसका प्रयोग करने से पीलिया शीघ्र ही समाप्त हो जाता है।
  2. मूली और मूली के पत्तों का रस निचोड़ने से भी पीलिया में शीघ्र आराम मिलता है। मूली के रस में काला नमक मिलाकर पीने से आपका पाचन तंत्र भी सही रहेगा और पीलिया जल्दी ही खत्म हो जाएगा। डॉक्टर भी इसकी सलाह देते हैं।
  3. गन्ने का रस पीने से, गन्ने के रस को साफ और स्वच्छ तरीके से निकालने से पीलिया में आराम मिलता है।
  4. विटामिन सी के फल जैसे नींबू, संतरा, आंवला और टमाटर का सेवन करने से भी पीलिया जल्दी खत्म हो जाता है।
  5. एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को एक गिलास पानी में रात भर भिगोकर रख दें और सुबह उठकर पी लें। पीलिया का असर दो हफ्ते में खत्म हो जाएगा।
  6. नीम के पत्तों का रस भी पीलिया के रोगियों के लिए रामबाण औषधि है। नीम के ताजे पत्तों का रस प्रतिदिन निकालकर रोगी को पिलाने से एक सप्ताह में पीलिया ठीक हो जाता है।
  7. पपीता, आंवला, तुलसी, अनानास, छाछ और दही आदि का सेवन करने से भी पीलिया दूर होता है।
  8. इसके अलावा पीलिया के मरीजों को भारी भोजन नहीं करना चाहिए। फ्राइड रोस्ट और खासकर बाहर के खाने से बचना होगा। घर में बने ताजा और गर्म भोजन से पीलिया जल्द ही ठीक हो जाएगा। कोशिश करें कि हल्का खाना जैसे दलिया, खिचड़ी, पतली रोटी वाली सब्जियां खाएं।
  9. पीलिया के मरीजों के लिए सबसे जरूरी है कि इस दौरान उबला हुआ पानी ठंडा करके ही पिएं क्योंकि पीलिया पानी में संक्रमण के कारण होता है इसलिए बीमारी के दौरान उबालकर पानी पिएं और बाहर या बोतलबंद पानी पिएं। टालना।

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पीलिया से छुटकारा पाने के आयुर्वेदिक उपाय

  1. इसके लिए 25 मिलीलीटर अरंडी के पत्तों का रस खाली पेट पिएं। इससे 3 दिन में पीलिया ठीक हो जाता है।
  2. सोनाक, भूमि आंवला, पूर्णवा की छाल से रस निकालकर पी लें। इससे 3 दिन में पीलिया दूर हो जाएगा।
  3. सर्वकल्प क्वाथ, सोनल की छाल का काढ़ा सुबह के समय लिया जा सकता है।
  4. अनार, पपीता, अंजीर, सूखे अंगूर खाएं।

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अंतिम शब्द: दोस्तों, आपको इस पोस्ट हमने पीलिया की दवा और पीलिया के बारे में कुछ अन्य जानकारी भी दी है। अगर पीलिया की दवा के बारे में दी गयी जानाकरी पसंद आयी तो कमेंट करें, शेयर करें। धन्यवाद, आपका दिन शुभ हो।

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