तुरंत एसिडिटी ठीक करने के लिए अपनाएं यह घरेलू उपाय

आज हम इस पोस्ट में आपको बताएगे की आप पेट की गैस का तुरत इलाज का इलाज किस प्रकार से कर सकते है और आपको इसमें इस से समबन्दित सभी जानकारी दी जाएगी आज इस पोस्ट में तो आइये शुरू करते है।

Acidity
Acidity

पेट की गैस या एसिडिटी

हम जो भोजन करते हैं वह अन्नप्रणाली के माध्यम से हमारे पेट में जाता है। गैस्ट्रिक ग्रंथियां आपके पेट में पाचन के लिए एसिड बनाती हैं। जब गैस्ट्रिक ग्रंथियां पाचन प्रक्रिया के लिए जरूरत से ज्यादा एसिड बनाती हैं।

इसके लिए आपको ब्रेस्टबोन के नीचे जलन महसूस हो सकती है। इस स्थिति को आमतौर पर अम्लता के रूप में जाना जाता है।आयुर्वेद में हाइपरएसिडिटी को अमलपिट्टा कहा जाता है और आम भाषा में इसे पित्त के नाम से भी जाना जाता है।

अधिक मसालेदार, गर्म और मसालेदार भोजन के सेवन से व्यक्ति को एसिडिटी हो जाती है। आयुर्वेद में दोषों के असंतुलन से रोग उत्पन्न होते हैं। किसी भी दोष के बढ़ने या घटने से दोष असंतुलित अवस्था में आ जाते हैं और रोग का कारण बनते हैं।

पित्त दोष मुख्य रूप से एसिड पित्त में अम्लता बढ़ाता है, जिसके कारण व्यक्ति को सीने में जलन और खट्टी डकारें आती हैं।आयुर्वेदिक उपचार भी उचित आहार और जीवन शैली को निर्धारित करता है।

इसलिए यह पित्त कम करने वाले आहार के साथ-साथ पित्त कम करने वाले आहार के उपचार को भी निर्धारित करता है, यदि उपचार करते समय निर्दिष्ट आहार का पालन नहीं किया जाता है। जाएंगे तो रोग ठीक नहीं होगा।

इसलिए आयुर्वेदिक उपचार में खान-पान पर भी ध्यान देना चाहिए। पेट में गैस बनना एक आम बात है, लेकिन इसे नज़रअंदाज करना एक बड़ी भूल साबित हो सकती है। गैस के मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है।

इसके साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि यह आपको कभी भी और कहीं भी परेशान कर सकता है। गैस की समस्या से हम सभी कभी न कभी जरूर गुजरे होंगे और आपने महसूस किया होगा कि यह छोटी सी समस्या कितनी बड़ी समस्या दे सकती है।

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Acidity होने के कारण

  • चाय और कॉफी पीने से एसिडिटी होती है। खासकर भूखे पेट होने पर कभी भी चाय कॉफ़ी ना पीएं।
  • दिन में कभी भी कुछ भी खा लेना।
  • खाना खाने के बाद तुरंत सो जाना।
  • अत्यधिक मिर्च-मसालेदार और तैलीय भोजन करना।
  • पहले खाए हुए भोजन के बिना पचे ही पुन भोजन करना।
  • अधिक अम्ल पदार्थों के सेवन करने पर।
  • पर्याप्त नींद न लेने से भी हाइपर एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
  • बहुत देर तक भूखे रहने से भी एसिडिटी की समस्या होती है।
  • लम्बे समय से पेनकिलर जैसी दवाइओं का सेवन करने से।
  • धूम्रपान करने से भी एसिडिटी होती है।
  • ज्यादा और अनियमित चटपटा मसाले वाला भोजन करना।
  • भूख लगने पर भोजन नहीं करना या ज्यादा देर तक भूखे रहना।
  • गर्भवती महिलाओं में भी एसिड रिफ्लक्स की समस्या हो जाती है।
  • नमक का अत्यधिक सेवन करने से।
  • शराब और कैफीन युक्त पदार्थ का अधिक सेवन।

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Acidity के लक्षण

  • खट्टी डकारें आना कभी-कभी डकार के साथ खाने के गले तक भी आ जाता है।
  • मुंह में अत्यधिक डकार और कड़वा स्वाद
  • पेट का बढ़ना
  • मतली और उल्टी
  • गले में घरघराहट
  • सांस लेते समय सांसों की दुर्गंध
  • सिरदर्द और पेट दर्द
  • बेचैनी और हिचकी

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पेट में गैस बहुत बनती है? तो क्या करें

जब खाना देर तक पेट में रहता है तो रोगाणु ज्यादा समय तक सक्रिय रहते हैं और पेट में गैस बनाते हैं। बढ़ती उम्र के साथ आपका पाचन धीमा हो जाता है, जिससे अधिक गैस बन सकती है। आर्टिफिशियल स्वीटनर्स या फिर कुछ दवाएं भी पेट में गैस बनाती हैं। मेडिकल कंडीशन- कुछ मेडिकल कंडीशन की वजह से भी पेट में बहुत ज्यादा गैस बनती है।

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Acidity से बचने के उपाय

  • मसालेदार भोजन का सेवन न करें
  • अपनी डाइट में ज्यादा से ज्यादा फल और सब्जियां शामिल करें
  • खुद को हाइड्रेट रखें
  • टमाटर भले ही खट्टा होता है लेकिन इससे शरीर में क्षार की मात्रा बढ़ती है और इसके नियमित सेवन से एसिडिटी की शिकायत नहीं होती।
  • भोजन करने के बाद टहलने की आदत डालें।
  • सुबह उठकर नियमित रूप से 2–3 गिलास ठंडा पानी पिए तथा उसके लगभग एक घंटे तक कुछ न खाए।
  • जंकफूड, प्रिजरवेटिव युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन बिल्कुल न करें।
  • चाय और कॉफी का सेवन कम से कम करें।
  • खाने के बाद नियमित रूप से एक कप अनानास के रस का सेवन करें।
  • तैलीय एवं मिर्च-मसालेदार भोजन से दूर रहें, जितना हो सके सादा एवं कम मसाले वाला भोजन करें।
  • पेट भर भोजन के बाद तुरन्त न सोए। सोने से लगभग दो घंटे पहले ही भोजन कर लें।
  • खाने को चबा चबाकर खाएं
  • डिनर और नींद के बीच में कम से कम 3 घंटे का अंतर रखें
  • तुलसी के पत्ते, लौंग, सौंफ आदि चबाएं।

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खाना खाने के बाद पेट में गैस बनना

पेट फूलने की समस्या का सीधा संबंध पाचन क्रिया में गड़बड़ी हो सकता है। सामान्य तौर पर खाना खाने के बाद पेट फूला हुआ महसूस होता है। यह समस्या तब आती है जब छोटी आंत के अन्दर गैस भर जाती है। पेट का आकार बढ़ने का कारण पेट में जमा गैस है, जिसके लिए डाइट जिम्मेदार है।

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अंतिम शब्द :- आज हमने बताया की आप पेट की गैस (Acidity) का तुरत इलाज कैसे कर सकते और कुछ अन्य जानकारी भी आपको इस पोस्ट में दी गई आसा है आपको आपके सारे सवालों का जवाब मिल गया होगा। धन्यवाद।

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