नसों की कमजोरी दूर करने में फायदेमंद हैं ये घरेलू नुस्खे
नसों की कमजोरी को मेडिकल भाषा में “न्यूरोपैथी” कहा जाता है। यह बीमारी धीरे धीरे नसों को कमजोर कर देती हैं। नसे कमजोर होने पर हमारे शरीर के अंग काम करना बंद कर देता है और आप इसे सबसे पहले डॉक्टर को जरूर दिखाएं-

नसों की कमजोरी के लक्षण
- नसों में जान महसूस न होना।
- प्रभावित हिस्से में अत्यधिक दर्द या मरोड़।
- नसों में तनाव महसूस होना।
- हाथ या पैर में संवेदनहीनता।
- अत्यधिक पसीना आना।
- अत्यधिक गर्मी का एहसास होना।
- अनियंत्रित बल्ड प्रेशर।
- पेट से संबंधित विकार।
- स्पर्श को महसूस करने की शक्ति कमजोर होना।
- ज्ञान संबंधी समस्याएं
नसों के कमजोर होने के लक्षण
- अगर आपकी याददाश्त कम होने लगे तो समझ लें कि आपकी नसें कमजोर होने लगी हैं।
- चक्कर आना इस बात का भी संकेत है कि आपकी नसें कमजोर हैं क्योंकि रक्त संचार नहीं कर सकता है।
- जब शरीर में रक्त का संचार ठीक से नहीं हो पाता है तो बैठे-बैठे आंखों के सामने अंधेरा छाने लगता है।
- अपच भी एक संकेत है।
- अनिद्रा आपकी नसों की कमजोरी का भी संकेत देती है।
- दिल की घबराहट
- शरीर में खून की कमी होना।
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नसों में कमजोरी होने के कारण
तंत्रिका कमजोरी के लक्षण प्रभावित क्षेत्र पर निर्भर करते हैं। छाती की नसों में कमजोरी के परिणामस्वरूप सांस लेने में कठिनाई से संबंधित लक्षण दिखाई दे सकते हैं। शरीर के महत्वपूर्ण अंग नसें हैं, जो शरीर में रक्त का संचालन करती हैं।
यह अपनी सहज प्रतिक्रिया से ही स्वस्थ रह सकता है, लेकिन जब यह किसी कारण से कमजोर हो जाता है और फिर कई प्रकार की शारीरिक समस्याएं होने लगती हैं। शरीर का कोई भी अंग जैसे पीठ, कमर, हाथ, गर्दन आदि नसों के दबाव के कारण काफी असहनीय होता है।
इस वजह से वे कोई भी काम ठीक से नहीं कर पाते हैं। शरीर में मौजूद कई अंगों से नसें गुजरती हैं और जब कोई अंग कमजोर होता है तो सबसे पहले वहां की नसें प्रभावित होती हैं।
गलत व्यायाम या किसी अन्य कारण से वजन बढ़ने से शरीर की नसें दब जाती हैं और शरीर के उस हिस्से में दर्द होने लगता है। जिससे हमारा खून उस हिस्से तक नहीं पहुंच पाता है, जिससे वह कमजोर होने लगता है।
यदि संभव हो तो पिंच की हुई नस को दबाया या घुमाया नहीं जाना चाहिए, सूजन होने पर सूजन को कम करने के लिए बर्फ और गर्म चीजों से बारी-बारी से मालिश करें। अधिकतम आराम करें। राहत पाने के लिए ज्यादा दबाव न डालें, हल्की मालिश ही करें।
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नसों की कमजोरी की दवा
सेंधा नमक सूजन को कम करता है और मांसपेशियों व नसों के बीच के संतुलन को बेहतर बनाता है। सेंधा नमक में मैग्नीशियम और सल्फेट पाया जाता है, जो इसके गुणों का मुख्य स्रोत होता है। सेंधा नमक के पानी से नहाने से नसों और मांसपेशियों की कमजोरी को दूर किया जाता है। अश्वगंधा और कैमोमाइल-टी भी फायदेमंद है।
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नसों की कमजोरी के लिए होम्योपैथिक दवा
एसिड फॉस 200 – युवाओं की हस्तमैथुन के कारण नींद के दौरान भी वीर्य स्वखलन की समस्या होती है तथा उनके प्राइवेट पार्ट में कमजोरी आ गई है तो उनके लिए एसिड फॉस 200 होम्योपैथिक दवा सबसे फायदेमंद है, क्योंकि इस दवा के सेवन से प्राइवेट पार्ट की नसें खुल जाती है और उसमें ब्लड का सर्कुलेशन तेजी के साथ होता है।
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नसों की कमजोरी के लिए आयुर्वेदिक दवा
सेंधा नमक सूजन को कम करता है और मांसपेशियों व नसों के बीच के संतुलन को बेहतर बनाता है। सेंधा नमक में मैग्नीशियम और सल्फेट पाया जाता है, जो इसके गुणों का मुख्य स्रोत होता है। सेंधा नमक के पानी से नहाने से नसों और मांसपेशियों की कमजोरी को दूर किया जाता है। अश्वगंधा और कैमोमाइल-टी भी फायदेमंद है।
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नसों बातों का रखें खास ख्याल
- अगर आपके शरीर के किसी अंग की नसें कमजोर हो गई हैं तो घर बैठे इसका इलाज करने से पहले इन कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें।
- जितना हो सके पिंची हुई नस को दबाने या घुमाने से बचें।
- सूजन हो तो सूजन को कम करने के लिए बारी-बारी से बर्फ और गर्म चीजों से मालिश करें।
- घर पर आराम करें।
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नसों की कमजोरी के घरेलू उपाय
1. कैमोमाइल-टी
कैमोमाइल का उपयोग सदियों से औषधीय रूप से इसके विरोधी भड़काऊ और एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों के कारण किया जाता रहा है। यह लंबे समय तक घाव, छाले, गठिया, त्वचा पर खरोंच, जलने के निशान और गले में खराश आदि को ठीक करने में मदद करता है।
हाल के अध्ययनों के बाद, कैमोमाइल का उपयोग तंत्रिका कमजोरी को दूर करने और चिंता को कम करने के लिए भी किया गया है।
इसके अलावा कैमोमाइल बुरे सपने, अनिद्रा और नींद की अन्य समस्याओं के इलाज में मदद करता है। कैमोमाइल की तीन या चार पतिया ले और उस गर्म पानी में भिगो दे और वह थोड़ा ठंडा होने के बाद उसने 20ग्राम शहद डाल दे और उसे पिए ले।
2. सेंदा नमक
सेंदा नमक यह साधारण नमक से कई गुना ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। सेंधा नमक सूजन को कम करता है और मांसपेशियों और तंत्रिकाओं के बीच संतुलन में सुधार करता है। सेंधा नमक में मैग्नीशियम और सल्फेट पाया जाता है।
सेंधा नमक के पानी से नहाने से नसों और मांसपेशियों की कमजोरी दूर होती है। एक बाल्टी पानी की लीजिए उसकी 200ग्राम सेंधा नमक डालिए सेंधा नामक को कम से कम 25 मिनट तक गुलने दीजिए।
3. अश्वगन्धा
अश्वगन्धा कई गुना ज्यादा फायदेमंद माना जाता है अश्वगन्धा सूजन को कम करता है और मांसपेशियों और तंत्रिकाओं के बीच संतुलन में सुधार करता है। अश्वगन्धा 100 ग्राम, सतावर 100 ग्राम, बाहीपत्र 100 ग्राम, इसबगोल की भूसी 100 ग्राम, तालमिश्री 400 ग्राम इस सबका एक मिश्रण बना ले और उस मिश्रण को सुबह व शाम को दूध के साथ लें।
4. ग्रीन टी
ग्रीन टी एक बहुत ही लोकप्रिय औषधि है, जो कई स्वास्थ्य लाभ लाती है। ग्रीन टी रक्तचाप और वजन घटाने में मदद करती है। ग्रीन टी में एंटीऑक्सिडेंट और चाय पॉलीफेनोल्स होते हैं, जो स्वास्थ्य में सुधार करते हैं। ग्रीन टी में अमीनो एसिड होता है, जो चिंता को कम करता है और नसों को आराम देता है।
ग्रीन टी को दिन में तीन बार पिए सबसे सबसे पहले सुबह उठाने के बाद उसके बाद दोपहर 2 बजे के बाद फिर शाम को इससे आपको नसो की दिक्कत कम हो जाएगी।
4. सरसो का तेल
सरसो का तेल नसाओ के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। नसों के दर्द से छुटकारा पाने के लिए सरसों के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। सरसों के तेल को गर्म करके मालिश करें।
ऐसा करने से आपको अवश्य ही लाभ होगा। पहले आपको जहा पर आपको नसों की कमजोरी है उस जगह को गर्म पानी से अच्छी तरह से धोए और फिर सरसों के तेल का इस्तेमाल करें।
5. बर्फ
कोल्ड कंप्रेस भले ही हॉट कंप्रेस जितनी राहत न दे, लेकिन यह तंत्रिका संबंधी दर्द को कम करने में बहुत कारगर है। यह त्वचा पर सुन्न प्रभाव पैदा करता है जिससे दर्द से राहत मिलती है। बर्फ एक एंटी-इंफ्लेमेटरी के रूप में काम करता है, यानी यह सूजन को कम करने में मदद करता है।
इसके अलावा कोल्ड कंप्रेस नसों को सुन्न कर देता है और दर्द के कारण कमजोर हुई नसों को मजबूत करता है। अगर किसी व्यक्ति को हॉट कंप्रेस से कुछ महसूस नहीं हो रहा है तो वह कोल्ड कंप्रेस का इस्तेमाल कर सकता है।
निष्कर्ष – आज आपको इस पोस्ट नसों में कमजोरी कैसे दूर करे और नसों के बारे में आपको पूरा बताया है। यह पोस्ट देखने के बाद आपको कैसा लगा हमे कॉमेंट करके जरूर बताए।