पेचिश होने पर कौनसी अंग्रेजी दवा लें ?
पेचिश आंतों का संक्रमण है वजह से गंभीर दस्त और मल में खून आने की समस्या हो जाती है। कुछ मामलों में मल में म्यूकस भी आ सकता है। आमतौर पर पेचिश 3 से 7 दिनों तक रहता है।
इसके अन्य लक्षणों में पेट में ऐंठन या दर्द, मतली, उल्टी, 100.4 डिग्री फारेनहाइट या इससे ज्यादा बुखार, डिहाइड्रेशन जिसका इलाज न करने पर जानलेवा स्थिति पैदा हो सकती है।
पेचिश या प्रवाहिका, पाचन तंत्र का रोग है जिसमें गम्भीर अतिसार (डायरिया) की शिकायत होती है और मल में रक्त एवं श्लेष्मा आता है। यदि इसकी चिकित्सा नहीं की गयी तो यह जानलेवा भी हो सकता है।

पेचिश के कारण क्या है ?
पेचिश दूषित भोजन और पानी के सेवन करने के कारण फैलता है। जो मनुष्य के मल को दूषित करता है। कई बिना हाथ धोये भोजन को स्पर्श करने से भोजन संक्रमित यानि दूषित हो जाता है हालांकि अमीबी पेचिश उन लोगो को अधिक होता है। जो कोई बीमारी से पहले से ग्रस्त होते है पेचिश के कुछ अन्य कारक भी इस प्रकार है।
- दूषित भोजन।
- दूषित नदी या तालाब में स्नान करना।
- संक्रमित लोगो से हाँथ को ठीक से साफ नहीं करना।
- दूषित पानी एव अन्य पेय पदार्थ।
- शारीरिक संपर्क।
पेचिश के लक्षण क्या है ?
पेचिश के लक्षण हल्के से गंभीर तक होते हैं। यह काफी हद तक उन क्षेत्रों में स्वच्छता की गुणवत्ता पर निर्भर करता है जहां संक्रमण फैल गया है। इसके कुछ सामान्य लक्षण हैं।
- हल्का पेट-दर्द
- ऐंठन
- दस्त
ये आमतौर पर संक्रमण के 1 से 3 दिन बाद दिखाई देते हैं, और रोगी एक सप्ताह के भीतर ठीक हो जाता है। कुछ लोग लैक्टोज असहिष्णुता भी विकसित करते हैं, जो लंबे समय तक, कभी-कभी वर्षों तक रह सकते हैं
संक्रमण के द्वारा हुए पेचिश के लक्षण
- मल में रक्त या बलगम
- तीव्र पेट दर्द
- बुखार
- जी मिचलाना
- उल्टी
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अमीबिक पेचिश के लक्षण
- अमीबी पेचिश वाले व्यक्ति में हो सकता है।
- पेट में दर्द
- बुखार और ठंड लगना
- मतली और उल्टी
- पानी दस्त, जिसमें रक्त, बलगम या मवाद हो सकता है
- मल के दर्दनाक गुजर
- थकान
- आंतरायिक कब्ज
यदि आंतों की दीवार के माध्यम से अमीबा सुरंग है, तो वे रक्तप्रवाह में फैल सकते हैं और अन्य अंगों को संक्रमित कर सकते हैं।अल्सर विकसित हो सकता है। इनसे खून निकल सकता है, जिससे मल में खून आ सकता है।
लक्षण कई हफ्तों तक जारी रह सकते हैं। अमीबा मानव लक्षणों के जाने के बाद भी रह सकता है। फिर, लक्षणों की पुनरावृत्ति हो सकती है जब व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है। उपचार अमीबा के जीवित रहने के जोखिम को कम करता है।
पेचिश का इलाज क्या है?
- अगर व्यक्ति व्यक्ति का पेचिश 4 से 7 दिनों के भीतर लक्षण कम होने लगते है। तो उनको उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन यदि चिकिस्तक के उपचार की आवश्यकता होती है। तो चिकिस्तक कुछ निम्न सुझाव देते है।
- जैसे : दिन अधिक मात्रा में पानी पीये इसके अलावा नारियल पानी, नींबू पानी, फलो के रस को पीये।
- अगर व्यक्ति को दर्द व बुखार है। तो उसके लिए कुछ दर्द की खुराक लिख देते है।
- मरीजों के लक्षणो के आधार पर कुछ एंटीबायोटिक दवाइयों की खुराक देते है।
- अपने आसपास के परिसर एव हाथो को स्वच्छ रखने की सलाह देते है। ताकि दोबारा पेचिश जैसी समस्या ना हो। इसके अतरिक्त चिकिस्तक पेचिश के दौरान नरम पदार्थो को खाने की सलाह देते है। नरम पदार्थो में जैसे: केला, हल्के बिस्किट, चावल इत्यादि।
पेचिश के इलाज में घरेलू उपाय
अनार और इसका छिल्का पेचिश से छुटकारा दिला सकते हैं। इसके लिए लगभग 60 ग्राम अनार के छिल्का लें। इसे 250 एमएल दूध में उबालें। जब दूध उबलते हुए एक तिहाई बच जाए, तब इसे नियमित अंतराल के बाद दिन में कम से कम तीन बार सेवन करें। यह मिश्रण आंव से राहत दिलाएगा।
- जामुन का रस दो चम्मच, गुलाब जल दो चम्मच, थोड़ी-सी चीनी तीनों को मिलाकर रोगी को पिलाएं। खूनी पेचिश में रामबाण औषधि की तरह काम करता है।
- जामुन की पेड़ की बीस ग्राम छाल लें। उसे कूट लें। उसे एक कप पानी में उबालें। पानी जब आधा रह जाए तो इसमें शहद मिलाकर पिलाएं।
- सूखे आंवले को रात में भिगो दें। सुबह होते ही आंवले का सेवन करने के लिए मरीज को दें।
- तेज मसालेदार भोजन की जगह तरल भोजन लेना उपकारी है।
- थोड़े से जीरे को तवे पर भून लें। अब इसमें दो चुटकी सेंधा नमक मिलाएं। इसे छाछ के साथ सेवन करने के लिए दें। पेचिश में आराम होगा।
- नींबू के पत्तों को पीसकर, उसमें थोड़ी-सी चीनी मिलाकर सेवन कराना भी राहत पहुंचाता है। यह दवा आंव तथा बवासीर दोनों के लिए लाभदायक है।
- हरा धनिया और चीनी धीरे-धीरे चबाकर खाने के लिए दें। पेचिश में फायदा होगा।
- एक चम्मच सोंठ व दो चम्मच त्रिफला लेकर काढ़ा बना लें। इसे पीने के लिए मरीज को दें।
पेचिश की अंग्रेजी दवा क्या है
एक कच्चा पपीता लें और उसे छीलकर 3 से 4 कप पानी में 10 से 15 मिनट तक उबालें। इस पानी को छान लें और गुनगुने पानी का सेवन करें। इस जड़ी बूटी में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो पेचिश के संक्रमण को कम कर सकते हैं। एक गिलास गुनगुने पानी में आधा चम्मच हरीतकी पाउडर मिलाकर रात को सोने से पहले पिएं।