खुजली की अंग्रेजी दवा नाम – खुजली की दवा
Itching Medicine– दाद एक प्रकार की त्वचागत समस्या है जो फंगल संक्रमण के कारण होता है। यह त्वचा की ऊपरी परत पर होता है तथा यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बड़ी ही आसानी से फैल सकता है। दाद को चिकित्सकीय भाषा में टिनीया (Tinea) कहते है।
यह एक परतदार त्वचा पर गोल और लाल चकत्ते के रूप में दिखाई देता है और इसमें खुजली एवं जलन होते है। यह बड़ी ही आसानी से संक्रमित व्यक्ति की चीजें या कपड़े उपयोग करने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।

दाद क्या होता है?
- अत्यधिक मीठा, नमकीन, बासी भोजन, दूषित आहार और साफ-सफाई की कमी के कारण कफ और कफ दोष असंतुलित हो जाते हैं जिससे त्वचा पर खुजली, जलन और लालिमा जैसे लक्षण उत्पन्न होकर दाद का रूप ले लेते हैं। दाद चार प्रकार के होते हैं।
- टीनिया क्रूरीस (Tinea cruris)– यह जोड़ो, आंतरिक जांघे और नितम्बों के आस-पास की त्वचा पर होता है।
- टीनिया कैपीटीस (Tinea capitis)– यह दाद सिर की त्वचा (Scalp) में होता है, जो मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करता है। यह प्रकार सामान्य रूप से स्कूलों में फैलता है। इससे सिर के कुछ हिस्सों में गंजापन दिखने लगता है।
- टीनिया पैडिस (Tinea Paedis)– यह दाद पैर की त्वचा पर होता है। सार्वजनिक स्थानों पर नंगे पाँव जाने से इसका खतरा अधिक रहता है।
- टीनिया बार्बी (Tinea Barbae) -यह चेहरे की दाढ़ी वाले क्षेत्र और गर्दन पर होता है। इसके कारण कई बार बाल टूटने लगते है। अक्सर यह नाईं के पास दाढ़ी कटवाने जाने के दौरान होता है इसलिए इसे बारबार्स इट्च (Barbar’s itch) भी कहते है।
खुजली व दाद के लक्षण
दाद होने पर खुजली होने के अलावा और भी लक्षण होते हैं-
- दाद वाली जगह पर खुजली एवं जलन दोनों हो सकता है।
- यह लाल चकत्ते के रूप में दिखाई देता है।
- दाद वाले चकत्ते बाहरी तरफ से किनारों पर लाल होते है।
- यह गोल चकत्तों के रूप में होते है तथा ऊपर की और उभरा हुआ होता है।
अंडे खाने के फायदे – Egg Health Benefits
दाद-खाज और खुजली कम होने के उपाय
Itching Medicine :- दाद-खाज और खुजली से बचने के लिए अपने आहार और जीवनशैली में ये सारे बदलाव लाने ज़रूरी हैं। अपने आहार में निम्न सारे आहार शामिल करने से फंगल संक्रमण होने का खतरा कम होता है-
- विटामिन-ई से युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। इसकी मदद से हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है जिसकी मदद से शरीर ल्यूकोसाइट्स (Leukocytes) का उत्पादन करता है तथा फंगस को नष्ट करने में मदद करता है। विटामिन-ई के लिए जैतून का तेल, सूरजमुखी का तेल, अखरोट, मसूर की दाल, पालक, बादाम, तिल आदि का सेवन करें।
- भोजन में लौंग का प्रयोग करें। इसके सेवन से फंगल संक्रमण दूर होता है।
- साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए तथा संक्रमित व्यक्ति द्वारा प्रयोग किए गए कपड़े, वस्तुएँ आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए। ऐसे पालतु जानवरों से भी दूर रहना चाहिए जो संक्रमित होते हैं।
- अधिक पसीने से परहेज रखना चाहिए इसके लिए एंटी-फंगल का इस्तेमाल करें।
- साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए तथा संक्रमित व्यक्ति द्वारा प्रयोग की हुई वस्तुओं को प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- अत्यधिक नमकीन एवं मीठे खाद्य पदार्थ, गुड़, चॉकलेट, सोडा युक्त पेय पदार्थ, अत्यधिक तला-भुना एवं मिर्च मसालेदार भोजन, जंक फूड, शराब, धूम्रपान तथा अन्य नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
- दाद वाली जगह पर बार-बार खुजलाना नहीं चाहिए
दाद खाज का घर का इलाज
- नारियल का तेल त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए अच्छा माना जाता है। यह न सिर्फ खुजली वाली त्वचा से राहत प्रदान करता है बल्कि त्वचा को चिकना और नरम भी बना देता है। इसलिए प्रभावित क्षेत्र पर नारियल का तेल लगाने से आराम मिलता है।
- लहसुन में अजोइना (Ajoene) नाम एक प्राकृतिक एंटी फंगल एजेंट (Anti–fungal agent) होता है जो फंगल संक्रमण को ठीक करने में मदद करता है। लहसुन की एक फांक छीलकर उसकी पतली स्लाइस काट लें, प्रभावित क्षेत्र पर पतली स्लाइस को रखे और उसके चारों ओर एक पट्टी लपेट लें और रात भर के लिए इसे छोड़ दें। इसकी जगह पर लहसुन के पेस्ट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- हल्दी एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक की तरह कार्य करता है। हल्दी और पानी को मिलाकर अच्छी प्रकार पेस्ट बना लें और रूई की सहायता से इसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाएँ।
- सरसों के बीजों को पानी में आधे घण्टे के लिए भिगो दें उसके बाद इसे पीसकर संक्रमित स्थान पर लगाएं।
- लेमन ग्रास का काढ़ा बनाकर दिन में तीन बार पिए। इससे खुजली और संक्रमण दूर होते हैं।
- नीम की ताजी पत्तियों को पानी में उबालकर पानी को ठंडा कर लें तथा इस पानी को नहाने के लिए इस्तेमाल करने से दाद और खुजली में आराम मिलता है।
- करेले के पत्ते का रस और गुलाबजल मिलाकर लगाने से दाद में शीघ्र ही लाभ मिलता है।
- खुजली से आराम पाने के लिए देशी घी को प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं।