जानिए अनौपचारिक पत्र लिखने का सही तरीका

अनौपचारिक पत्र व्यक्तिगत पत्र होते हैं जो आपके मित्रों या परिवार को यह बताने के लिए लिखे जाते हैं कि आपके जीवन में क्या चल रहा है। एक अनौपचारिक पत्र आमतौर पर परिवार के किसी सदस्य, करीबी परिचित या मित्र को लिखा जाता है। निचे दी गयी जानकारी में बताया गया है की (Informal Letter in hindi)अनौपचारिक पत्र कैसे लिखें?

Informal Letter in hindi

Informal Letter in hindi

Informal Letter in hindi– अनौपचारिक पत्र किसी के माता-पिता, परिचितों, दोस्तों या करीबी रिश्तेदारों को लिखा जाता है। ये पत्र पूरी तरह से निजी या व्यक्तिगत हैं। ऐसे पत्रों में व्यक्ति अपनी भावनाओं, विचारों और सूचनाओं को अपने प्रियजनों को भेजते हैं। इन अक्षरों की भाषा बहुत ही सरल, सहज है।

अनौपचारिक पत्र(Informal Letter in hindi) उनसे पूछताछ करने या उन्हें निमंत्रण भेजने, धन्यवाद देने या कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए लिखे जाते हैं। वहीं, ऐसे अक्षरों में शब्दों की संख्या लिखने वाले व्यक्ति पर निर्भर करती है।

पत्र लेखन के प्रकार
औपचारिक पत्र (Formal Letter)अनौपचारिक पत्र (Informal Letter)

अनौपचारिक पत्र क्यों लिखते है?

अनौपचारिक पत्र(Informal Letter in hindi) लिखने का मुख्य उद्देश्य अपने परिवार के सदस्यों, प्रियजनों, करीबी रिश्तेदारों, दोस्तों आदि को व्यक्तिगत संदेश भेजना है। इन पत्रों का उपयोग किसी निजी व्यक्ति को बधाई देने, शोक सूचना देने, शादी, जन्मदिन आदि पर आमंत्रित करने के लिए किया जाता है।

अनौपचारिक पत्रों के कितने प्रकार होते है?

Informal Letter in hindi (अनौपचारिक पत्र) निम्नलिखित प्रकार के होते हैं-

  • बधाई पत्र
  • शुभकामना कार्ड
  • अनुरोध पत्र
  • संवेदना / सहानुभूति / संवेदना
  • नाराजगी/क्षमा पत्र
  • सूचना/विवरण पत्र
  • निमंत्रण पत्र
  • धन्यवाद पत्र
  • अनुमति पत्र
  • सुझाव/सलाह पत्र
  • माफी और आश्वासन पत्र

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अनौपचारिक पत्र लिखते समय करने योग्य बातें

Informal Letter in hindi को लिखने का सही तरीका हम आगे देखेंगे, आजकल अक्षर हिंदी में भी अंग्रेजी अक्षरों के अनुसार ही लिखे जाते हैं। पत्र में निम्नलिखित भाग हैं:

  • पत्र लेखक का पता
    पत्र लेखक को पत्र के ऊपर बाईं ओर अपना पता लिखना चाहिए।
  • दिनांक
    पत्र लिखने वाले को पता लिखने के तुरंत बाद उस दिन की तारीख लिखनी चाहिए।
  • प्रबोधन
    हिंदी में अनौपचारिक पत्र (अनौपचारिक पत्र) में ‘पते’ का विशेष महत्व है क्योंकि पत्र का पाठक इसे पहले पढ़ता है।

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अनौपचारिक पत्र लिखने का तरीका(प्रारूप)

  • पूज्य– पिता/माता/गुरुजी आदि।
  • आदरणीय– चाचा जी/मामा जी/भाई साहब/दीदी/भाभी आदि।
  • प्रिय– भाई/मित्र आदि।
  • शिष्टाचार वाक्यांश / अभिवादन के शब्द– शिष्टाचार या अभिवादन के वाक्य पते के प्रकार पर निर्भर करते हैं, शिष्टाचार के कुछ वाक्यांश इस प्रकार हैं – चरणस्पर्श, प्रणाम, नमस्कार, वंदे, सस्नेह/सप्रेम नमस्ते, प्रसन्न रहो, चिरंजीवी रहो आदि। 
  • सामग्री या मूल सामग्री– शिष्टाचार के शब्दों के बाद पत्र की मूल सामग्री आती है। इसे पत्र का पाठ भी कहते हैं। इसके अंतर्गत लेखक उन सभी बातों, विचारों आदि को व्यक्त करता है, जिन्हें वह पाठक तक पहुँचाना चाहता है। इससे लेखक की अभिव्यंजक क्षमता, भाषा, कहानी प्रस्तुत करने का तरीका आदि का पता चलता है।
  • समापन निर्देश या आत्म-निर्देशन– पाठ के अंत के बाद, समाप्त करने के लिए पत्र की बारी है। पत्र की समाप्ति से पूर्व आत्मीय साथियों के विषय में पूछताछ, सम्मान, सम्मान आदि की भावना व्यक्त की जाती है। अंत में स्व-निर्देशन के तहत पत्र लेखक और पाठक के बीच संबंध के आधार पर सापेक्ष शब्दों का उपयोग किया जाता है।
  • पत्र लेखक का नाम- पत्र लेखक को ‘स्व-दिशा’ के नीचे अपना नाम लिखना चाहिए।

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अनौपचारिक पत्र का दूसरा नाम क्या है?

अनौपचारिक पत्र को पारिवारिक पत्र भी कहा जाता है क्योंकि इनके माध्यम से हम अपनी संवेदना, कृतज्ञता, कृतज्ञता आदि व्यक्त करते हैं।

एक अनौपचारिक पत्र क्या है?

अनौपचारिक पत्र उन व्यक्तियों को लिखे जाते हैं जिनके साथ पत्र लेखक का व्यक्तिगत या व्यक्तिगत संबंध होता है। आपके दोस्तों, माता-पिता, अन्य रिश्तेदारों आदि को लिखे गए पत्र अनौपचारिक-पत्रों के अंतर्गत आते हैं। अनौपचारिक पत्रों में आत्मीयता का भाव होता है और व्यक्तिगत बातों का भी उल्लेख मिलता है।

अनौपचारिक पत्र कितने प्रकार के होते हैं?

अनौपचारिक पत्र के प्रकार हैं: बधाई पत्र, अभिवादन पत्र, अनुरोध पत्र, शोक / सहानुभूति / शोक पत्र, नाराजगी / क्षमा, सूचना / विवरण पत्र, निमंत्रण पत्र, आभार पत्र, अनुमति पत्र, सुझाव / सलाह पत्र माफी और आश्वासन पत्र .

औपचारिक पत्र और अनौपचारिक पत्र क्या है?

उस पत्र को एक औपचारिक पत्र कहा जाता है, जो एक पेशेवर भाषा में एक औपचारिक उद्देश्य के लिए निर्धारित प्रारूप के साथ लिखा जाता है, जबकि अनौपचारिक पत्र वे पत्र होते हैं, जो किसी ऐसे व्यक्ति को लिखे जाते हैं जिसके साथ हमारा अनौपचारिक संबंध होता है। ऐसा होता है।

अनौपचारिक पत्र का प्रारूप क्या है?

अनौपचारिक पत्र लिखनें का प्रारूप (Informal letter Writing format) पता (Address) – पत्र में बाईं ओर सबसे ऊपर प्रेषक (पत्र भेजने वाले) का नाम व पता लिखा जाता है। संबोधन (Exhortation) – जिस व्यक्ति को पत्र लिखा जा रहा है, आपके के साथ संबंध के अनुसार संबोधन का प्रयोग किया जाता है।

अनौपचारिक पत्र में सबसे पहले क्या लिखा जाता है?

Informal Letter in hindi को लिखते समय सबसे ऊपर आपका अपना पूरा पता लिखा होता है। ऐसा भी होता है कि यदि पत्र प्राप्त करने वाला आपको लिखना चाहता है, तो वह उक्त पते पर लिख सकता है। पता लिखने के बाद उस दिन की तारीख लिखें जिस दिन पत्र लिखा जा रहा है।

निष्कर्ष- दोस्तों, इस पोस्ट में अनौपचारिक पत्र(Informal Letter in hindi) कैसे लिखें? अनौपचारिक पत्र क्यों लिखते है? पत्र लेखन के प्रकार, अनौपचारिक पत्रों के कितने प्रकार होते है? अनौपचारिक पत्र लिखने का तरीका और अनौपचारिक पत्र लिखते समय करने योग्य बातें आदि के बारे में जानकारी दी, अगर जानकारी पसंद आयी तो शेयर करें।

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