जानिए औपचारिक पत्र लिखने का सही तरीका
व्यवसाय से संबंधित पत्र, प्राचार्य को आवेदन, आवेदन पत्र, सरकारी विभागों को पत्र, संपादक को पत्र आदि औपचारिक पत्र कहलाते हैं। हिंदी में औपचारिक पत्र(formal letter format) की भाषा सरल और विनम्र है। Formal Letter in hindi के बारे में विस्तार से जानते हैं।

Formal Letter in hindi
Formal Letter in hindi– वे पत्र जो किसी व्यवसाय से जुड़े व्यक्ति या व्यवसायिक जीवन से जुड़े हुए व्यक्तियों को भेजे जाते हैं, औपचारिक पत्र कहलाते हैं। औपचारिक पत्र लिखने के लिए श्रीमान, श्रीमती, अनुरोध जैसे औपचारिक शब्दों का प्रयोग किया जाता है। हिंदी में औपचारिक पत्र(Formal Letter in hindi) लिखते समय अनौपचारिक भाषा का प्रयोग नहीं किया जाता है।
पत्र लेखन के प्रकार
औपचारिक पत्र (Formal Letter) | अनौपचारिक पत्र (Informal Letter) |
औपचारिक पत्र क्यों लिखते है?
किसी भी कार्य के लिए औपचारिक पत्र कार्य किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, किसी को नौकरी पाने के लिए, नौकरी के लिए, अपनी मैडम के लिए, स्कूल में प्रिंसिपल के लिए, अपने प्रोफेसर या कॉलेज में डीन के लिए एक औपचारिक पत्र लिखने की जरूरत है।
औपचारिक पत्रों के कितने प्रकार होते है?
Formal Letter in hindi को तीन खंडों में विभाजित किया जा सकता है- प्राथना पत्र, कार्यालयी पत्र और व्यावसायिक पत्र।
औपचारिक पत्र लिखते समय करने योग्य बातें
- पत्र की शुरुआत और अंत प्रभावशाली होना चाहिए।
- पत्र का पाठ – स्पष्ट, भाषा – सरल होना चाहिए।
- औपचारिक पत्र नियमों का पालन करते हैं।
- इन अक्षरों में भाषा का प्रयोग सावधानी पूर्वक किया गया है। इनमें अनावश्यक बातों का उल्लेख नहीं है।
- पत्र को हमेशा एक पृष्ठ में लिखने का प्रयास करें ताकि लय बनी रहे।
औपचारिक पत्र लिखने का तरीका(प्रारूप)
formal letter format– हिंदी में औपचारिक पत्र के (प्रारूप) में निम्नलिखित 9 भाग होते हैं, जैसे-
- पत्र प्राप्तकर्ता का पदनाम और पता ‘सेवा में’ लिखकर पत्र की शुरुआत करें।
- विषय- जिस अक्षर के बारे में पत्र लिखा जा रहा है, उसे केवल एक वाक्य में शब्द-चिन्हों से लिखिए।
- पता- जिसे पत्र लिखा जा रहा है – सर/मैडम, माननीय, आदि। विनम्र शब्दों का प्रयोग करें।
- विषय– इसे दो पैराग्राफ में लिखा जाना चाहिए-
- पहला पैराग्राफ- वाक्य “यह एक विनम्र अनुरोध है” से शुरू होना चाहिए, फिर अपनी समस्या के बारे में लिखें।
- दूसरा पैराग्राफ– “यह आपसे एक विनम्र अनुरोध है” लिखकर, आप उनसे क्या उम्मीद करते हैं, लिखें।
- हस्ताक्षर और नाम– धन्यवाद या कष्ट के लिए क्षमा जैसे शब्दों का प्रयोग करना चाहिए और अंत में भवदीय, भवदीया, प्रार्थी लिखकर अपने हस्ताक्षर करें तथा उसके नीचे अपना नाम लिखें।
- भेजने वाले का पता– शहर का मोहल्ला / स्थान, शहर, पिनकोड आदि।
- दिनांक।
औपचारिक पत्र क्या है?
औपचारिक पत्र आम तौर पर अधिकारियों से होते हैं, जैसे किसी स्कूल या सरकारी विभाग के लिए एक आवेदन ताकि पत्र रिकॉर्ड में रहे।
औपचारिक पत्र कितने प्रकार के होते हैं?
औपचारिक पत्र के प्रकार हैं – आधिकारिक पत्र, व्यावसायिक पत्र, सामाजिक पत्र, रोजगार पत्र।
औपचारिक पत्र में क्या आता है?
औपचारिक पत्र नियमों के अनुसार लिखे जाते हैं, जिसमें हम अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर सकते।
औपचारिक पत्र में सबसे पहले क्या लिखना है?
पहले औपचारिक पत्र में पता लिखें।
औपचारिक पत्र की भाषा क्या होनी चाहिए?
औपचारिक पत्र नियमों से बंधे होते हैं, इस प्रकार के अक्षरों में बहुत ही सटीक सरल भाषा का प्रयोग किया जाता है। इसमें अनावश्यक बातों का जिक्र नहीं है।
औपचारिक पत्र और अनौपचारिक पत्र क्या होते हैं?
हम अपने सम्बन्धियों, मित्रों, परिवार आदि को जो पत्र लिखते हैं, वे पत्र अनौपचारिक पत्र कहलाते हैं और जो पत्र हम किसी अधिकारी, कार्यालय आदि के लिए लिखते हैं, वे औपचारिक पत्र कहलाते हैं।
निष्कर्ष- दोस्तों, इस पोस्ट में औपचारिक पत्र(Formal Letter in hindi) कैसे लिखें? औपचारिक पत्र क्यों लिखते है? पत्र लेखन के प्रकार, औपचारिक पत्रों के कितने प्रकार होते है? औपचारिक पत्र लिखने का तरीका और औपचारिक पत्र लिखते समय करने योग्य बातें आदि के बारे में जानकारी दी, अगर जानकारी पसंद आयी तो शेयर करें।