सौंफ की तासीर ठंडी होती है इसलिए गर्मी में इसका इस्तेमाल बढ़ जाता है। सौंफ में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो स्वस्थ रहने के लिए बहुत जरूरी होते हैं। सौंफ का सबसे बड़ा फायदा तो यह है कि यह याददाश्त बढ़ाता है शरीर को ठंडा रखता है।
सौंफ क्या है
सौंफ का उपयोग प्राचीन काल से मुंह को शुद्ध करने और घरेलू औषधि के रूप में होता आ रहा है। इसका पौधा लगभग एक मीटर ऊंचा तथा सुगन्धित होता है। इसके पत्तों का प्रयोग सब्जी के रूप में भी किया जाता है। भूमध्यसागरीय इलाके में सौंफ जैसा ही एक पौधा पाया जाता है जिसे एनीसीड कहते हैं। इसका उपयोग इटालवी भोजन में किया जाता है।
पेट की गैस की परेशानी में सौंफ के सेवन से लाभ
1-2 ग्राम सौंफ की जड़ के चूर्ण का सेवन करने से कब्ज में लाभ होता है। सौंफ के बीज का काढ़ा बना लें। इसे 5-10 मिली मात्रा में भोजन के प्रत्येक ग्रास के साथ छोटे बच्चों को पिलाने से बच्चों का कब्ज ठीक होता है। आयु के अनुसार मात्रा में सौंफ के बीजों की चटनी का सेवन करने से डकार और पेट की गैस की समस्या ठीक होती है।
सौंफ के इस्तेमाल से सिरदर्द से आराम
सौंफ को पानी के साथ पीसकर ललाट पर लगाने से सिरदर्द से आराम मिलती है। सौंफ खाने से सिरदर्द से आराम मिलता है।
आँखों के रोग में सौंफ से फायदा
सौंफ के पत्ते के रस में रूई को भिगोकर आँखों पर रखें। इससे आँखों की जलन, दर्द तथा लालिमा की परेशानी ठीक होती है। 1-2 ग्राम Saunf चूर्ण में 65 मि.ग्रा. खसखस यानी पोस्त के दानों का चूर्ण मिला लें।
इसे नियमित सेवन करने से आँखों के रोग ठीक होते हैं तथा आँखों की रोशनी बढ़ती है। सौंफ खाने से आँख के रोग में फायदा मिलता है। 2-4 ग्राम सौंफ चूर्ण में बराबर भाग खाँड मिलाकर सेवन करें।
सौंफ के उपयोग से जुकाम में फायदा
15-30 मिली Saunf के काढ़ा या सौंफ का पानी पीने के फायदे से जुकाम में लाभ होता है।
सौंफ के सेवन से खाँसी में लाभ
अंजीर के साथ सौंफ का सेवन करने से सूखी खाँसी, गले की सूजन से राहत जल्दी मिलती है। बस सेवन की मात्रा सही होनी चाहिए।
मुँह के रोग में सौंफ का उपयोग फायदेमंद
सौंफ का काढ़ा बनाकर उसमें फिटकरी मिलाकर गरारा करने से मुँह के छालों में लाभ होता है। सौंफ में बराबर मिश्री मिलाकर सेवन करने से मुँह से बदबू आने की परेशानी ठीक होती है।
हकलाने की बीमारी में करें सौंफ का प्रयोग
15-30 मिली सौंफ काढ़ा में मिश्री तथा गाय का दूध मिलाकर पिएं। इससे हकलाना की परेशानी कम होती है।
सांसों की बीमारी (दमा) में सौंफ का सेवन लाभदायक
अंजीर के साथ सौंफ का सेवन करने से सूखी खाँसी, गले की सूजन तथा लंग कैंसर में लाभ होता है। 5 मिली सौंफ के पत्तों के स्वरस का सेवन करने से अस्थमा में लाभ होता है।
भूख की कमी को ठीक करता है सौंफ
बराबर-बराबर भाग में सौंफ, बिडंग, बनायं तथा काली मिर्च का चूर्ण लें। इसे 2-5 ग्राम की मात्रा में गुनगुने जल के साथ सेवन करने से भूख बढ़ती है।
कब्ज में फायदेमंद सौंफ का प्रयोग
1-2 ग्राम Saunf की जड़ के चूर्ण का सेवन करने से कब्ज में लाभ होता है। सौंफ के बीज के काढ़ा को 5-10 मिली मात्रा में भोजन के प्रत्येक ग्रास के साथ छोटे बच्चों को पिलाने से बच्चों का कब्ज ठीक होता है।
सौंफ के इस्तेमाल से गठिया का इलाज
सौंफ, वच, सहिजन, गोक्षुर, वरुण, सहदेवी, वर्षाभू, शटी, गंधप्रसारिणी, अग्निमंथ फल तथा हींग की बराबर मात्रा लें। इसे कांजी से पीसकर, थोड़ा गरम करके लेप करें। इससे गठिया रोग में दर्द और सूजन दोनों ही ठीक होते हैं।
मुँहासे में सौंफ का उपयोग फायदेमंद
सौंफ को पीसकर मुंह पर लगाने से मुँहासे ठीक होते हैं, चेहरे की चमक बढ़ती है और रंग निखरता है। सौंफ त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
मैनिया (पागलपन) में सौंफ से लाभ
15-30 मिली सौंफ काढ़ा में मिश्री मिलाकर पीने से पागलपन या मैनिया रोग में लाभ होता है। 5-10 ग्राम sounf को पीसकर उसमें इतना ही खाँड मिला लें। इसे पिलाने से पित्त के कारण होने वाले मैनिया रोग में लाभ होता है।
सौंफ का इस्तेमाल हर घर में किया जाता है। रेस्तरां और दूसरी जगहों पर खाने के बाद सौंफ दिया जाता है। घरों में इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से मसाले के तौर पर किया जाता है। अचार और भरवां सब्जी बनाने में यह मुख्य रूप से प्रयुक्त होता है।
सौंफ की तासीर ठंडी होती है इसलिए गर्मी में इसका इस्तेमाल बढ़ जाता है। सौंफ में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो स्वस्थ रहने के लिए बहुत जरूरी होते हैं। सौंफ का सबसे बड़ा फायदा तो यह है कि यह याददाश्त बढ़ाता है शरीर को ठंडा रखता है।
सौंफ में कैल्शियम, सोडियम, आयरन और पोटैशियम जैसे कई खनिज तत्व पाए जाते हैं। इसके अलावा इसकी सुगंध भी बहुत अच्छी होती हैं और ताजगी का एहसास कराती है।