Dussehra 2023 – क्यों मनाया जाता है दशहरा?
Dussehra 2023- हेलो दोस्तों आज आपको बताते है की दशहरा क्यों मनाया जाता है और इसके साथ दशहरा का इतिहास और कुछ रोचक तथ्य भी बताएंगे, इसके आलावा आपको दशहरा 2023(Dussehra 2023) के बारे में भी बताएंगे, तो आओ शुरू करते है-

दशहरा 2023
Dussehra 2023- दशहरा का पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है। दशहरा हर साल आश्विन मास की दशमी तिथि को मनाया जाता है। दशहरा को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है। विजयादशमी के दिन रावण को जलाने की भी परंपरा है।
पौराणिक कथा के अनुसार इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने लंकापति रावण का वध किया था। भगवान राम की रावण पर विजय के कारण इस दिन को विजयदशमी कहा जाता है। इसके अलावा इस दिन देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध भी किया था। हालांकि इस साल दशहरे की तारीख को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति है।
दशहरा 2023- जानिए कब है Dussehra
Dussehra 2023- हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस साल दशहरा का पर्व शुक्रवार, 15 अक्टूबर को मनाया जाएगा। दशहरा दिवाली से ठीक 20 दिन पहले मनाया जाता है।
विजयादशमी के महत्व – Dussehra 2023
भगवान राम ने आश्विन शुक्ल के दसवें दिन मां दुर्गा से प्राप्त दैवीय अस्त्र की सहायता से रावण का वध किया था। राम जी ने रावण पर विजय प्राप्त की थी और यह दसवां दिन भी था, इसलिए इस दिन को विजयदशमी कहा जाता है। दशहरे के दिन मां दुर्गा और भगवान राम की पूजा की जाती है। श्री राम गरिमा और आदर्श के प्रतीक हैं।
देशभर में आज दशहरा 2021(Dussehra 2021) मनाया जा रहा है। इस दिन को विजयादशमी या विजयादशमी भी कहा जाता है। यह पर्व शरद नवरात्रि के 10वें दिन पड़ता है। यह दिन शारदीय नवरात्रि के नौ दुर्गा पूजाओं का अंतिम दिन है। इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम ने रावण, लंकापति का वध किया था और देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था। तब से हर साल रावण का पुतला एक बुराई के रूप में जलाया जाता है। पूरे देश में रामायण का मंचन इसी दिन रावण दहन के साथ समाप्त होता है।
दशहरे का इतिहास – History of Dussehra
गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरित मानस के अनुसार, लंकापति राक्षस राजा रावण ने वनवास के दौरान भगवान श्री राम की पत्नी सीता का अपहरण कर लिया था। वह उन्हें अपने राज्य लंका ले गया और उन्हें बंदी बना लिया। भगवान राम ने लक्ष्मण जी के साथ सीता जी की खोज शुरू की थी। रास्ते में जटायु ने उन्हें बताया कि रावण सीता का हरण कर लंका ले गया है।
इसके बाद श्री राम को बजरंगबली हनुमान, जामवंत, सुग्रीव और सभी वानर मिले। इन सबको मिलाकर उसने एक सेना बनाई। जिसके साथ उसने रावण से युद्ध किया था। दस सिर वाले राक्षस रावण, जिसे दशानन कहा जाता है, युद्ध के दसवें दिन मारा गया था। तभी से दशमी को विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है। पूरे देश में 10 सिर वाले रावण का पुतला दहन किया जाता है।
महिषासुर का वध
इस दिन रावण दहन के अलावा देवी दुर्गा ने महिषासुर राक्षस का भी वध किया था। दुर्गा सप्तशती में देवी दुर्गा और महिषासुर के वध की कथा वर्णित है। अश्विन शुक्ल की दशमी को मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था। इसके बाद सभी देवताओं ने देवी दुर्गा की जीत पर उनकी पूजा की। इसलिए इस तिथि को विजयादशमी या विजयादशमी भी कहा जाता है।
शक्ति और गरिमा का प्रतीक
चूंकि दशहरे के दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था और श्री राम ने रावण पर विजय प्राप्त की थी, इसलिए इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार माना जाता है। श्री राम गरिमा और आदर्श के प्रतीक हैं, जबकि मां दुर्गा शक्ति की प्रतीक हैं। इस त्योहार से लोग शक्ति, गरिमा, पवित्र और उच्च आदर्शों के साथ जीवन जीना सीखते हैं।
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अंतिम शब्द
दोस्तों आज आपको दशहरा 2021(Dussehra 2021) के बारे में जानकारी दी है और आपको विजयदशमी का महत्व और दशहरा का इतिहास भी बताया है | अगर आपको मेरे द्वारा दी गयी दशहरा 2021(Dussehra 2021) के बारे में पसंद आयी तो शेयर करे |
आपका दिन शुभ हो , सधन्यवाद