Covaxin and Covishield Difference – क्या अंतर है कोवैक्सीन और कोविडशील्ड में?

Covaxin and Covishield Vaccine का उपयोग क्या है, यहाँ आप Covishield vs Covaxin के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे। इस लेख में आप Covaxin and Covishield Vaccine के बारे में हिंदी में जानकारी मिलेंगी।

Covaxin and Covishield Vaccine in Hindi

Covaxin and Covishield की दवाई क्या है? इसके Uses, Benefits, Side Effects व Dosage के बारे में जानकारी पढ़ने को मिलेगा।

जानिए Covishield vs Covaxin Vaccine in Hindi की जानकारी, लाभ, फायदे, उपयोग, प्रयोग, कीमत, कब लें, कैसे लें, कितना लें, खुराक, डोज, साइड इफेक्ट्स, नुकसान, दुष्प्रभाव और सावधानियां

What is Covaxin and Covishield Vaccines

भारत में टीकाकरण के लिए Covaxin and Covishield नाम के दो एंटी-कोरोनावायरस टीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। Covaccine पूरी तरह से स्वदेशी वैक्सीन है और इसे Bharat Biotech Company ने बनाया है। कोविशील्ड को सीरम इंस्टीट्यूट ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के सहयोग से विकसित किया है। ये दोनों वैक्सीन देश के कई शहरों में उपलब्ध हैं तो कई जगहों पर कोविशील्ड के अलावा कोई विकल्प नहीं है। ऐसे में लोगों के मन में सवाल पूछना वाजिब है कि इन दोनों में से कौन सी वैक्सीन बेहतर और असरदार है? इन दोनों टीकों में क्या अंतर है? आइए जानते हैं वैक्सीन से जुड़े तमाम सवालों के जवाब।

कोवैक्सीन – Covaxin Vaccine

इस वैक्सीन को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और भारत बायोटेक कंपनी ने मिलकर बनाया है। इसी वजह से वैक्सीन को स्वदेशी का टैग मिल गया है। इस वैक्सीन को कोविड-19 के वायरस को निष्क्रिय करके बनाया गया है।

वैक्सीन में निष्क्रिय कोविड-19 वायरस होता है, जो लोगों को नुकसान पहुंचाए बिना कोरोना संक्रमण के खिलाफ शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाने में मदद करता है। संक्रमण के समय शरीर एंटीबॉडी बनाकर वायरस से लड़ता है।

Covaccine को उसी तरह से डिज़ाइन किया गया है जैसे मौसमी बुखार, रेबीज, जापानी इन्सेफेलाइटिस (मेनिन्जाइटिस) जैसी बीमारियों के लिए दिया जाने वाला पारंपरिक टीका।

कोविशील्ड – Covishield Vaccine

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया भारत में कोविशील्ड नाम से ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका से वैक्सीन बना रहा है। कोविशील्ड को वायरल वेक्टर प्लेटफॉर्म का उपयोग करके विकसित किया गया है, जो पूरी तरह से अलग तकनीक है।

कोविशील्ड चिंपैंजी में पाए जाने वाले सामान्य सर्दी के संक्रमण के एडेनोवायरस का उपयोग करके बनाया जाता है। एडेनोवायरस की आनुवंशिक सामग्री SARS-CoV-2 कोरोनावायरस के स्पाइक प्रोटीन के समान है। स्पाइक प्रोटीन के माध्यम से ही वायरस शरीर की कोशिका में प्रवेश करता है।

कोविशील्ड वैक्सीन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को खुद को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए एक प्रतिरक्षा प्रणाली बनाने में मदद करती है। कोविशील्ड को इबोला वायरस से लड़ने के लिए एक टीके की तरह डिजाइन किया गया है।

Covaxin and Covishield Difference in Hindi

कोवैक्सीन कोविशील्ड 
कोवैक्सीन को हैदराबाद का भारत बायोटेक इंटरनेशनल कंपनी के द्वारा विकसित किया गया है।    कोविशील्ड को ऑक्सफ़ोर्ड-  अस्ट्रेजेनेका द्वारा विकसित किया गया, जो की भारत में सीरम इंस्टिट्यूट ने बनाया है। 
कोवैक्सीन इनएक्टिवेटेड वैक्सीन है यानी ये मृत कोरोना वायरस से बना है।    कोविशील्ड चिम्पांज़ी के एडेनोवायरस से बना है, ये वीकेंड वायरस है मतलब इस वायरस के क्षमता को कम कर दिया गया, ये शरीर में जाने के बाद कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा। 
एफ्फिकसी – वैक्सीन कितना प्रभावी और असरदार है। कोवैक्सीन का एफ्फिकसी रेट 81 %, उसके तीसरे चरण के ट्रायल के अनुसार।   कोविशील्ड का एफ्फिकसी रेट 90 % है। इसका मतलब की जिसने वैक्सीन लिया उसे संक्रमण से 90 फीसदी तक सुरक्षा मिलेगा न की पूरी आबादी का 90 फीसदी लोग सेफ जोन में होगा।
इस वैक्सीन को 12 साल और उसके ऊपर वाले लोग लगा सकते।  इस वैक्सीन को 18 साल से ऊपर वाले लोग लगा सकते है। .
इसके दो डोज़ के बीच 4 से 6 हफ्ते का गैप होना चाहिए।  कोविशील्ड के दो डोज़ के बीच 12 से 16 हफ्ते का गैप होना चाहिए।  
कोवैक्सीन का दाम सरकार के लिए 400 रूपए है, और प्राइवेट सेण्टर के लिए 1200 . कोविशील्ड का दाम 300 है सरकार के लिए और 600 प्राइवेट सेंटर के लिए .

कोवैक्सीन और कोविशील्ड में कोनसी है बेहतर ?

Covaxin and Covishield के रूप में इन दोनों टीकों का निर्माण स्वदेशी रूप से किया गया है और दोनों ही टीके भारत में कोविड टीकाकरण अभियान में लोगों को उपलब्ध कराए गए हैं। जबकि Covaccine भारत में पूरी तरह से निर्मित वैक्सीन है, Covisशील्ड का निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया जाता है, जो देश की सबसे बड़ी दवा कंपनियों में से एक है। (भारत में निर्मित कोरोना के टीके)

विशेषज्ञ और वैक्सीन लेने वाले दोनों टीके लगवाने के अपने फायदे और नुकसान गिन सकते हैं। हालांकि, कोविशील्ड वह टीका है जिसे ज्यादातर लोगों ने चुना है। कोविशील्ड को भारत के बाहर अन्य देशों में भी कई लोगों ने पसंद किया है। दूसरी ओर, कोरोनोवायरस म्यूटेंट के खिलाफ कोवैक्सीन को अधिक प्रभावी और प्रभावी दिखाया गया है।

कौन-सी वैक्सीन है कितनी असरदार

इन दोनों टीकों की दो खुराकें दी जाती हैं। इन 2 डोज के बीच कुछ हफ्तों का गैप रखा जा रहा है। विभिन्न सर्वेक्षणों और प्रयोगों द्वारा दावा किया गया है कि Covaxin and Covishield दोनों विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों को पूरा करते हैं और वैक्सीन प्राप्त करने वाले व्यक्ति के शरीर में आवश्यक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करते हैं। . हालांकि इन दोनों टीकों के असर पर लगातार शोध किया जा रहा है।

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हम उम्मीद करते है की आपको Covaxin and Covishield की दवाई के बारे में सारी जानकारी हिंदी में मिल गयी होगी, इस दवाई का उपयोग से पहले अपने निजी डॉक्टर से सलाह-मशवरा जरुर ले।

Covaxin and Covishield के उपयोग, नुक्सान, फायदे” आपके लिए उपयोगी होगा, इसके साथ-साथ आपको Covaxin and Covishield के बारे में जानकारी मिल गयी होगी, अगर आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो हमे कमेंट में बता सकते है।

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