जीरा के फायदे और नुकसान : जीरा की तासीर कैसी होती है?

सफेद जीरे से तो हर कोई वाकिफ है, क्योंकि इसका इस्तेमाल मसाले के तौर पर किया जाता है। काले रंग का जीरा भी सफेद जीरे जैसा ही होता है। दोनों में इतनी समानताएं हैं कि भेद करना मुश्किल है, सफेद जीरे की तुलना में काला जीरा महंगा है।

Caraway Seeds

जीरा कितने प्रकार का होता है ? 

  1. काला जीरा (Carum Carvi Linn.)
  2. सफेद जीरा (Cuminum cyminum Linn.)
  3. अरण्य जीरा (Centratherum anthelminticum Kuntze)

सफेद जीरे से तो हर कोई वाकिफ है, क्योंकि इसका इस्तेमाल मसाले के तौर पर किया जाता है। काले रंग का जीरा (कृष्ण जीरा) भी सफेद जीरे जैसा ही होता है।

दोनों में इतनी समानताएं हैं कि भेद करना मुश्किल है, लेकिन सफेद जीरे की तुलना में काला जीरा महंगा है। इसके फूल सफेद रंग के गुच्छों में होते हैं, जो पकने पर फल में बदल जाते हैं। इसका पौधा 60-90 सेमी ऊँचा और सीधा होता है।

इसके फूल गहरे नीले या बैंगनी रंग के होते हैं। इसके फल 4.5-6 मिमी लंबे, बेलनाकार होते हैं। इसका रंग भूरा और काला होता है। इसमें तीखी गंध होती है। जीरा जून से अगस्त में फूल और फल लगाते हैं।

जीरे के सेवन का फायदा

शायद जानते नहीं होंगे जीरा में औषधीय गुण होता है जो कई तरह के बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद करता है। जीरा को पुराणों में अच्छा घरेलु उपचार माना गया है।

1. त्वचा के लिए

जीरे का पानी त्वचा के लिए बहुत लाभदायक होता है। इसमें विटामिन ई अच्छी मात्रा में होता है जो त्वचा की कोशिकाओं को पोषक तत्व प्रदान करता है। इसमें प्राकृतिक रूप से एंटी-एंजिंग के रूप में काम करती है।

कुछ अध्ययन के अनुसार जीरा में एंटी ऑक्सीडेंट गुण होता है जो सूजन को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल गुण जो संक्रमण को रोकता है।

2. वजन कम करने में

जो लोग अपना वजन कम करने के बारे में सोच रहे है उनके लिए जीरा एक अच्छा घरेलू उपाय है। इसमें अच्छी मात्रा में वजन कम करने वाले गुण होते है जो चर्बी को कम करते है बल्कि कोलेस्ट्रॉल को भी कम करते है।

जीरा को भूनकर पाउडर बना ले और दही में मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से आपका वजन कम होने लगेगा और सामान्य शरीर में आ जाएंगे।

3. एनीमिया को दूर करने में

एनीमिया खून की कमी का विकार जीवन के लिए जोखिम होता है। इन समस्या से बचने के लिए जीरे का उपयोग उचित होता है। जीरा में लौह अधिक मात्रा में होता है जो आयरन की कमी को पूरा करता है।

यह लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ावा देता है जिससे हीमोग्लोबिन आपने आप बढ़ने लगता है। यह एनीमिया के लक्षण को भी कम करता है। जीरे के पाउडर को अपने भोजन में रोजाना उपयोग करे। ऐसा करने से एनीमिया की समस्या से छुटकारा मिलेगा।

4. पाचन क्रिया को बढ़ाने में

जीरा में पहले से आयुर्वेदिक गुण होता है जो पेट दर्द, पेट में ऐंठन, मलती, उल्टी, पाचन आदि के उपचार में उपयोग किया जाता है। यह अग्राशय एंजाइम जो पाचन क्रिया के साथ होता है उसे उत्तेजित करता है।

यह पेट के लिए अच्छा घरेलु उपचार है। एक ग्लास पानी में भुना हुआ जीरा मिलाकर सुबह -शाम सेवन करे। आपको कुछ दिनों में अपने आप फरक दिखने लगेगा।

5. माँ का दूध बढ़ाने में

महिलाओं में दूध की कमी को दूर करने में जीरा बहुत उपयोगी होता है। क्योंकि इसमें अच्छी मात्रा में कैल्शियम और आयरन होता है जो स्तनों में दूध की मात्रा में सुधार कर अधिक कर देता है।

इसके अलावा माँ का दूध शिशु को ताकत प्रदान करता है। स्तनदूध को बढ़ाने के लिए गर्म दूध में एक चम्मच जीरा पाउडर को मिलाकर माँ को पीना चाहिए।

6. मधुमेह नियंत्रण करने में

कुछ शोध के अनुसार जीरा डायबिटीज के रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में माध करता है। जीरे में एंटी विरोधी गुण उपस्थित है जो डायबिटीज के लिए अच्छा माना जाता है।

मधुमेह के लिए जीरा का उपयोग सात से आठ चम्मच जीरा को अच्छे से भून ले। इसके बाद जीरे को पिसले यह चूर्ण को दिन में दो बार पिये। आपके मधुमेह नियंत्रित होने लगता है।

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जीरे के क्या नुकसान हैं?

जीरा खाने के फायदे कई हैं, लेकिन इसका ज्यादा इस्तेमाल कुछ नुकसान भी पहुंचा सकता है। जैसा कि आप जानते हैं कि जीरा भारतीय खाने का एक अहम हिस्सा है जिसका इस्तेमाल खाने में किया जाता है।

जीरे के बिना लोगों का खाना खाना नामुमकिन हो जाता है। लेकिन जीरे का ज्यादा इस्तेमाल नुकसानदायक हो सकता है। जीरे के अधिक सेवन से सीने में जलन, पाचन संबंधी समस्या हो सकती है।

जीरे के अधिक सेवन से बवासीर की समस्या हो सकती है। गर्भवती महिला को जीरे का सेवन कम करना चाहिए। जीरे का अधिक सेवन भ्रूण को नुकसान पहुंचा सकता है।

जीरा खाने का सही तरीका क्या है?

  1. जीरे को पानी में उबाल कर चाय के रूप में बनाया जाता है।
  2. जीरे का उपयोग सूप, अचार, सॉस बनाने के लिए किया जाता है।
  3. भारतीय घरों में दाल रोज बनाई जाती है, तड़के के लिए जीरे का इस्तेमाल किया जाता है।
  4. उत्तर भारत में जीरे को भूनकर चिकन का स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
  5. जीरे का प्रयोग सब्जियों और चावल में किया जाता है।
  6. जीरे में घी मिलाकर चावल बनाया जाता है जिसे जीरा चावल कहते हैं।

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अंतिम शब्द :- आज आपको इस पोस्ट में बताया है की जीरा बीज हिंदी में और आपको जीरा के फायदे और नुकसान के बारे में जानकारी दी है यह पोस्ट आपको आपको पसन्द आई हो तो हमे कॉमेंट जरूर करे।

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