भादू जाति का इतिहास : भादू (Bhadu) की उत्पत्ति कैसे हुई?
Bhadu Caste क्या है, यहाँ आप भादू जाति के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे। इस लेख में आपको भादू जाति के बारे में हिंदी में जानकारी मिलेंगी।

भादू जाति क्या है? इसकी कैटेगरी, धर्म, जनजाति की जनसँख्या और रोचक इतिहास के बारे में जानकारी पढ़ने को मिलेगी आपको इस लेख में।
अगर बात करें भादू जाति की तो भादू जाति कौनसी कैटेगरी में आती है? भादू जाति के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए पोस्ट को पूरा पढ़ें।
जाति का नाम | भादू जाति |
भादू जाति की कैटेगरी | अन्य पिछड़ा वर्ग |
भादू जाति का धर्म | हिन्दू धर्म |
भादू जाति
भादु हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश में पाए जाने वाले जाटों का गोत्र है। उन्होंने चौहान संघ का समर्थन किया। उन्होंने (पानीभद्रक) कौरवों के पक्ष में महाभारत युद्ध लड़ा। भादु को महाभारत काल की जनजाति भद्रक (भद्रक) का वंशज कहा जाता है।
भोजों के अठारह गोत्रों के साथ जरासंध के भय से भद्रक पश्चिम की ओर भाग गए; सुरसेन, वोध, सलवा, पटाचार, सुस्थल, मुकुट, और कुलिंद, और कुंती। भदावर प्रांत के शासकों को भादु के नाम से जाना जाता था।
भादू जाति का इतिहास
जंगलदेश में भादु शासक: भादु जंगलदेश में शासक थे जहाँ उन्होंने एक महत्वपूर्ण शहर भद्रा की स्थापना की। भादुस में एक प्रसिद्ध शासक सामंतराज था। भादों का भगोर लोगों के साथ युद्ध हुआ था।
इस युद्ध के बाद उनका एक दल मारवाड़ चला गया। भादों ने अजमेर-मेरवाड़ा के कई गांवों पर भी कब्जा कर लिया, जिन पर बाद में अकबर का कब्जा हो गया।
जाटों के कुलों और उनके मूल घरों पर नैंसी द्वारा संकलित साक्ष्य और वहां से नागौर के मेड़ता में विभिन्न स्थानों पर प्रवास का अत्यधिक महत्व है। यह प्रमुख अप्रवासी कुलों में से एक है जो मेड़ता आए थे।
भादू लोगों का वर्णन महाभारत के जनपदों में भी मिलता है। ये जाट वंश अवश्य ही जंगल देश के भद्रा नगर के क्षेत्र में रहे होंगे और निश्चय ही भद्रा इनकी राजधानी रही होगी।
वे भद्रा से जोधपुर और अजमेर की ओर बढ़ते हुए पाए जाते हैं। ये लोग शांतिप्रिय पाए जाते हैं और अब इन्हें भादु और कुछ जगहों पर भादा कहा जाता है।
भादु गोत्र की कुलदेवी कौन हैं?
लोक देवता तेजाजी (1074-1103 ईस्वी) के भाई गुणराज (गुंजी) की पत्नी रीता भाम्भू गोत्र की थीं। भीव सिंह के दो बेटे थे, कुंजलदेव और सिहोजी। भाम्भू तोमर के वंशज होने के कारण इन लोगों को भंबू कहा जाता है और फिर समय के साथ विकृत होकर भामू कहा जाता है।
अन्य जातियों के बारे में जानकारी
परिहार गोत्र | धालीवाल जाति |
तिवारी जाति | तरड़ जाति |
ढिल्लों जाति | डूडी जाति |
झिंझर जाति | ज्याणी जाति |
जाखड़ जाति | जायसवाल जाति |
हम उम्मीद करते है की आपको भादू जाति के बारे में सारी जानकारी हिंदी में मिल गयी होगी, हमने भादू जाति के बारे में पूरी जानकारी दी है और भादू जाति का इतिहास और भादू जाति की जनसँख्या के बारे में भी आपको जानकारी दी है।
Bhadu Caste की जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी, अगर आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो हमे कमेंट में बता सकते है। धन्यवाद – आपका दिन शुभ हो।