दमा (अस्थमा) के कारण,उपचार और रोकथाम के तरीके

(अस्थमा) यह वात एवं कफ दोष के विकृत होने से होता है। इसमें श्वास नलियाँ संकुचित होता है जिसके कारण छाती में भारीपन का अनुभव होता है तथा साँस लेने पर सीटी जैसी आवाज आती है। 

श्वास नलियों में सूजन से चिपचिपा बलगम इकट्ठा होने, नलियों की पेशियों के सख्त हो जाने के कारण मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है। इसे ही अस्थमा कहते हैं। अस्थमा किसी भी उम्र में यहां तक कि नवजात शिशुओं में भी हो सकता है।

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Asthma

अस्थमा का जड़ से इलाज

अस्थमा का जड़ से इलाज करने के लिए आप पानी में अजवाइन डालकर इसे उबालें और इस पानी से उठती भाप लें। यह अस्थमा का जड़े से इलाज करती है। मेथी अस्थमा का सफल इलाज कर सकती हैं। मेथी के कुछ दानों को एक गिलास पानी के साथ तब तक उबालें जब तक पानी एक तिहाई न हो जाए।

अस्थमा के लक्षण क्या होते है ?

  1. बार-बार होने वाली खांसी
  2. सांस लेते समय सीटी की आवाज
  3. छाती में जकड़न
  4. दम फूलना
  5. खांसी के साथ कफ न निकल पाना
  6. बेचैनी होना
  7. साँस फूलना।
  8. खाँसी के समय कठिनाई होना और कफ न निकल पाना।
  9. गले का अवरूद्ध एवं शुष्क होना।
  10. नाड़ी गति का बढ़ना।

अस्थमा को रोकने के लिए उपाय

  • धूल, मिट्टी, धुआं, प्रदूषण होने पर मुंह और नाक पर कपड़ा ढकें। सिगरेट के धुएं से भी बचें।
  • ताजा पेन्ट, कीटनाशक, स्प्रे, अगरबत्ती, मच्छर भगाने की कॉइल का धुआं, खुशबूदार इत्र आदि से यथासंभव बचें।
  • रंगयुक्त व फ्लेवर, एसेंस, प्रिजर्वेटिव मिले हुए खाद्य पदार्थों, कोल्ड ड्रिंक्स आदि से बचें।
  • दमा के मरीज को बारिश और सर्दी और धूल भरी जगह से बचना चाहिए। बारिश के मौसम में नमी के बढ़ने से संक्रमण बढ़ने की संभावना होती है।
  • ज्यादा ठण्डे और ज्यादा नमी वाले वातावरण में नहीं रहना चाहिए, इससे अस्थमा के लक्षण बढ़ सकते हैं।
  • घर से बाहर निकलने पर मास्क लगा कर निकलें।
  • सर्दी के मौसम में धुंध में जाने से बचें।
  • धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों से दूर रहें।
  • इसके अलावा जीवनशैली और आहार में बदलाव लाने पर इन दमा के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

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अस्थमा का आयुर्वेदिक उपचार

आयुर्वेद मतानुसार तमक श्वास दूषित कफ से उत्पन्न होने वाला एक विकार है। कफ के आमाशय द्वारा फेफड़ो तथा श्वास नली में आने से यह रोग होता है। कफ को आमाशय में लाकर उसे चिकित्सा द्वारा बाहर निकाला जाता है।

अस्थमा का जड़ से इलाज या अस्थमा का अयुर्वेदिक घरेलू उपचार करने के लिए आप किसी चिकित्सक से इसके बारे में परामर्श ले सकते हैं।  

  • आयुर्वेदिक औषधियाँ
  • कण्टकारी अवलेह
  • वासावलेह
  • सितोपलादि चूर्ण
  • कनकासव
  • अगस्त्यहरीतकी अवलेह
  • च्यवनप्राश
  • वासा-यह सिकुड़ी हुई श्वसन नलियों को चौड़ा करने का काम करती है।
  • कण्टकारी-यह गले और फेफड़ो में जमें हुए चिपचिपेपन को साफ करती है।
  • मुलेठी-यह खाँसी को ठीक करता है।

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अस्थमा के लिए टोटके

दमा रोग होने पर एक चम्मच हल्दी और दो चम्मच शहद को मिलाकर चाट लेने से असरदार फ़ायदा नज़र आता है। तुलसी के पत्तों का पेस्ट दो चम्मच शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से अस्थमा रोग चला जाता है। दमा रोग की अचूक दवा है 10 ग्राम मेथी के बीज को एक गिलास पानी मे उबाल लें और जब यह पककर तीसरा हिस्सा रह जाएं तो ठंडा करके इसे पी लें।

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अस्थमा में क्या नहीं खाना चाहिए

  • अदरक, आहार में लहसुन, हल्दी और काली मिर्च को जरूर शामिल करें, यह अस्थमा से लड़ने में मदद करते हैं।
  • गुनगुने पानी का सेवन करने से अस्थमा के इलाज में मदद मिलती है।
  • शहद का सेवन करें।
  • मूँग, कुल्थी, जौ, गेहूँ, पुराना चावल, पटोल का सेवन करें।
  • अस्थमा के मरीजों को आहार में हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना चाहिए। पालक और गाजर का रस अस्थमा में काफी फायदेमंद होता है।

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क्या लहसुन अस्थमा में फायदेमंद होता है ?

अस्थमा का सफल उपचार करने के लिए आपको लहसुन का इस्तेमाल करना चाहिए। लहसुन अस्थमा के रोगियों के लिए बहुत लाभदायक होता है। 30 मि.ली. दूध में लहसुन की पाँच कलियाँ उबालें और इस मिश्रण का हर रोज सेवन करने से अस्थमा का जड़ से इलाज होता है।  

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